भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गाँधी का योगदान | Contribution of Mahatma Gandhi in Indian National Movement [in Hindi]

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Contribution of Mahatma Gandhi in Indian National Movement
Contribution of Mahatma Gandhi
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Contribution of Mahatma Gandhi in Indian National Movement

इस पोस्ट में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गाँधी जी के योगदानो (Contribution of Mahatma Gandhi) का वर्णन सरल और संक्षिप्त भाषा में किया गया है जो भारत के महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसे ध्यान से पढ़े। भारत के महत्वपूर्ण परीक्षा के तैयारी के लिए नीचे के बटन को दबाये।

परिचय: Contribution of Mahatma Gandhi in Indian National Movement [in Hindi]

महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहन दास करम चंद गाँधी था। इनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में हुआ था। इस दिन को “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूम में मनाया जाता है। इनके पिता का नाम करम चंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था। महात्मा गांधी जी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में हुई।

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गाँधी का योगदान – Important Points for Contribution of Mahatma Gandhi in Indian National Movement

महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन | Mahatma Gandhi aur rashtriya andolan

  • सितम्बर 1888 में कानून की पढ़ाई के लिए गांधी जी गाँधी यूनिवर्सिटी कॉलेज (लंदन) गए थे।
  • 1893 में एक भारतीय फर्म नेटाल से करार पर एक वर्ष के लिए वकालत करने दक्षिण अफ्रीका गए थे।
  • दक्षिण अफ्रीका में अपनी विचारधारा के प्रसार के लिए फीनिक्स सेटलमेंट और टालस्टाय फर्म की स्थापना की।
  • दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और गुलामी प्रथाओं का जोरदार विरोध किया।
  • दक्षिण अफ्रीका में दो समाचार पत्रों – इंडियन ओपिनियन और यंग इंडिया का संपादन किया।
  • गाँधी जी शाकाहार, अस्पर्शता विरोधी, रंगभेद विरोधी, बंधुआ मजदूरी विरोधी, मद्यपान विरोधी आंदोलन के प्रमुख समर्थक थे।
  • भूख हड़ताल सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन के जनक थे।
  • 1909 में लंदन जाते समय इन्होने हिन्द स्वराजपुस्तक का लेखन किया।
  • 1915 में इनकी भारत वापसी हुई।
  • गाँधी जी ने अपना राजनैतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले को बनाया था।
  • 1915 में इन्होने अहमदाबाद के पास साबरमती नदी के तट पर सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
  • भारतीय राजनीतिक क्षेत्र में प्रथम महत्वपूर्ण कार्यगिरमिटया प्रथा (मजदूरों की भर्ती) का सशक्त विरोध किया।
  • 1917 में चम्पारण सत्याग्रह में इन्होने भाग लिया और इन्हे महात्मा की उपाधि मिली।
  • खेड़ा सत्याग्रह 1918 में भारत में गाँधी जी का प्रथम किसान सत्याग्रह था। खेड़ा (गुजरात) कर नहीं आंदोलन था।
  • मिल मजदूरों और मालिकों में प्लेग बोनस का विवाद की वजह से 1918 में अहमदाबाद मिल आंदोलन में पहली बार इन्होने भूख हड़ताल का प्रयोग किया।
  • हरिजन सेवक संघ गाँधी जी द्वारा स्थापित की गई थी और इसके अध्यक्ष घनश्याम दास बिड़ला थे।
  • 23 नवंबर 1919 में अखिल भारतीय खिलाफत समिति के अधिवेशन के अध्यक्ष बने।
  • 20 जून 1920 को इलाहाबाद में आयोजित हिन्दूमुस्लिम संयुक्त बैठक में असहयोग को रणनीतिक अस्त्र अपनाने पर सहमति।
  • 31 अगस्त 1920 को खिलाफत दिवस में गाँधी जी सक्रिय भागीदारी एवं मार्गदर्शन बने।
  • 1 अगस्त 1920 को गाँधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन का प्रारम्भ किया गया।

असहयोग आंदोलन

कारण

  1. रॉलेट एक्ट, जलियावाला बाग़ हत्याकांड, हण्टर कमेटी की रिपोर्ट, भारतीय स्वराज की मांग
  2. गाँधी जी असहयोग आंदोलन के दौरान “कैसर-ए-हिंद” की उपाधि वापस की
  3. 1921 में आंदोलन के व्यय हेतु “तिलक स्वराज फण्ड” की स्थापना

रचनात्मक कार्य

  1. शराब का बहिष्कार
  2. हिन्दू-मुस्लिम एकता
  3. अहिंसा अपनाना
  4. छुआछूत से परहेज
  5. स्वदेशी का प्रयोग
  6. खादी को बढ़ावा
  7. कड़े कानूनों के विरुद्ध सविनय अवज्ञा

महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन (Mahatma Gandhi aur rashtriya andolan) | Contribution of Mahatma Gandhi in Indian National Movement [in Hindi]

  • 12 फरवरी 1922 को गाँधी जी द्वारा चोरी चौरा काण्ड से आहत होकर असहयोग आंदोलन वापस लेने की घोषणा की गई।
  • 13 मार्च 1922 को असंतोष भड़काने के आरोप में गाँधी जी गिरफ्तार हुए और 5 फ़रवरी 1924 को रिहा को गए।
  • दिसम्बर 1924 को कांग्रेस के बेलगाँव अधिवेशन (39वां)” की अध्यक्षता गाँधी जी द्वारा की गयी थी।
  • 12 मार्च 1930 को सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रारम्भ हुआ। गाँधी जी द्वारा 79 समर्थकों के साथ साबरमती आश्रम से 385 km दूर डांडी के लिए यात्रा शुरू की गयी। 24 दिन बाद 6 अप्रैल 1930 को समुद्र तट पर नमक बनाकर उन्होंने नमक कानून का उल्लंघन किया।
  • 5 मई 1930 को गाँधी जी की गिरफ्तारी के बाद अब्बास तैय्यबजी ने नमक आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • 5 मार्च 1931 को गाँधी इरविन समझौता सम्पादित हुआ।
    • सरोजिनी नायडू ने गाँधी और इरविन दोनों को महात्मा कहा।
    • ऐलेन कैम्पबेल जॉनसन ने गाँधी इरविन समझौते को सांत्वना पुरष्कार कहा।
  • 7 सितम्बर 1931 को आयोजित द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में गाँधी जी ने कांग्रेस प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया और इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए गांधीजी लंदन राज राजपूताना जहाज से गए थे। यहीं पर विंस्टन चर्चिल ने गाँधी जी को अर्धनंगा फकीर और देशद्रोही कहा था।
  • द्वितीय गोलमेज सम्मेलन की विफलता के बाद गांधी जी ने वापस भारत आकर 3 जनवरी 1932 में सविनय अवज्ञा आंदोलन फिर से प्रारंभ किया और 7 अप्रैल 1934 को फिर से वापस ले लिया गया।
  • 16 अगस्त 1932 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री रामसे मैकडोनाल्ड द्वारा कम्युनल अवार्ड घोषित किया गया। और 16 अगस्त 1932 को गाँधी जी ने कम्युनल अवार्ड के विरुद्ध येरवदा जेल में आमरण अनशन आरंभ कर दिया।
  • 26 सितम्बर 1932 को गाँधी जी एवं आंबेडकर के मध्य पूना समझौता हुआ।
  • 1 अगस्त 1933 को गाँधी जी द्वारा व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारम्भ किया गया।
  • 17 अक्टूबर 1940 को गाँधी जी द्वारा व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रारम्भ हुआ।
    • प्रथम सत्याग्रह का नेतृत्व विनोबा भावे ने किया।
    • द्वितीय सत्याग्रह का नेतृत्व जवाहर लाल नेहरू ने किया।
  • वर्धा प्रस्ताव कांग्रेस समिति द्वारा 14 जुलाई 1942 को पारित किया गया था। जिसमे भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव रखा गया।
  • 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की वार्षिक बैठक (ग्वालिया टैंक मैदान, मुंबई) में पारित हुआ। 9 अगस्त 1942 को आंदोलन प्रारम्भ हुआ।
  • 9 अगस्त 1942 को गाँधी जी को गिरफ्तार करके पुणे के आगा खा पैलेस में बंद कर दिया गया।
  • 10 फरवरी 1943 को गाँधी जी द्वारा आगा खा पैलेस में 21 दिनों के उपवास की घोषणा की गयी।
  • गाँधी जी को माउंटबेटेन ने वन मैन बाउंड्री फाॅर्स कहा है।
  • 4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गांधी को देश का पिता‘ (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया।
  • असहयोग आंदोलन(1920) गांधीजी के नेतृत्व में आयोजित प्रथम जन आंदोलन था।

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Mahatma Gandhi Ji ke bare mein panch vakya | Mahatma Gandhi Ji par panch vakya (गांधीजी पर पांच वाक्य)

  1. महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में हुआ था। इस दिन को “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूम में मनाया जाता है।
  2. इनके पिता का नाम करम चंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था।
  3. 9 जनवरी 1915 में, ये दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये जिसे भारत में प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाते है|
  4. गाँधी जी को माउंटबेटेन ने “वन मैन बाउंड्री फाॅर्स” कहा है।
  5. महात्मा गांधी जी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में हुई।

FAQs: Contribution of Mahatma Gandhi in the Indian National Movement

महात्मा गाँधी जी को “वन मैन बाउंड्री फाॅर्स” किसने कहा था।

महात्मा गाँधी जी को माउंटबेटेन ने “वन मैन बाउंड्री फाॅर्स” कहा था।

“भारत छोड़ो आंदोलन” में गाँधी जी के साथ कौन था ?

“भारत छोड़ो आंदोलन” में गाँधी जी के साथ अमेरिकन पत्रकार लुई फिशर था।

गांधीजी के नेतृत्व में आयोजित “प्रथम जन आंदोलन” का नाम क्या था ?

असहयोग आंदोलन(1920) गांधीजी के नेतृत्व में आयोजित “प्रथम जन आंदोलन” था।

महात्मा गांधी जी के बारे में पांच वाक्य | Mahatma Gandhi Ji ke bare mein panch vakya

1. महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में हुआ था। इस दिन को “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूम में मनाया जाता है।
2. इनके पिता का नाम करम चंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था।
3. 9 जनवरी 1915 में, ये दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये जिसे भारत में प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाते है|
4. गाँधी जी को माउंटबेटेन ने “वन मैन बाउंड्री फाॅर्स” कहा है।
5. महात्मा गांधी जी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में हुई।

महात्मा गांधी जी को देशद्रोही फकीर किसने कहा?

महात्मा गांधी जी को देशद्रोही फकीर विंस्टन चर्चिल ने कहा।

महात्मा गांधी को महात्मा किसने कहा?

सरोजिनी नायडू ने “गाँधी और इरविन” दोनों को महात्मा कहा।

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